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युद्ध शुरू होने के बाद आम लोगों के लिए क्या होता है प्रोटोकॉल, जरूर जान लीजिए ये बात

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की तैयारियां की जा रही हैं. सैन्य कार्रवाई में क्या हो सकता है, इस बात का किसी को कोई अंदाजा नहीं है. लेकिन युद्ध जैसी परिस्थितियां बन रही हैं.

ऐसी चर्चा तेज है कि पाकिस्तान कभी भी हमला करे, हम हमेशा उसके लिए तैयार हैं और उसको मुंहतोड़ जवाब देंगे. युद्ध में सेना के लिए तो प्रोटोकॉल होता ही है, लेकिन आज हम यहां पर यह जानेंगे कि युद्ध की परिस्थिति में आम लोगों के लिए क्या प्रोटोकॉल होता है.

कौन से प्रोटोकॉल किए जाते हैं फॉलो

युद्ध शुरू होने के बाद आम लोगों को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के नियम और प्रोटोकॉल फॉलो किए जाते हैं, जो कि अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का एक जरूरी हिस्सा है. यह आम नागरिकों की सुरक्षा और उनके साथ मानवीय व्यवहार सुनिश्चित करने का काम करता है. इसमें नागरिकों पर हमला करने की मनाही, स्वास्थ्य सेवाओं समेत राहत कार्यों को बाधित नहीं करना चाहिए. युद्ध से प्रभावित क्षेत्रों के नागरिकों को निकलने की अनुमति देना शामिल है.

अपने घरों में रहें

अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के नियमों के अनुसार किसी भी परिस्थिति में नागरिकों को निशाना बनाने से मना किया जाता है. युद्ध के दौरान नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की अनुमति होती है. अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के नियमों का उल्लंघन करना अपराध माना जाता है. अगर आप किसी ऐसे क्षेत्र में रहते हैं, जहां पर युद्ध की परिस्थिति होती है तो ऐसे में नागरिकों को अपने घरों में रहने के लिए कहा जाता है और किसी भी तरह के संघर्ष से दूर रहना होता है.

सुरक्षित रास्तों का पता लगाएं

नागरिकों को चाहिए कि अपने आस-पास की स्थिति पर ध्यान रखें और किसी भी खतरे से बचने के लिए तत्काल कार्रवाई करें. अपने क्षेत्र के सुरक्षित रास्तों का पता लगाएं और याद रखें कि आप किसी भी परिस्थिति में वहां से सुरक्षित रूप से बाहर निकल सकें. अपने पास जरूरी चीजें जैसे कि भोजन, पानी और दवाइयां जरूर रखें. युद्ध की स्थिति में आपको जरूरी चीजों निर्देशों का पालन करना जरूरी होता है.

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