भारतीय सेना में कैसे बनते हैं डॉक्टर? जानें नीट में कितनी रैंक

भारतीय सेना में नौकरी पाने के लिए स्टूडेंट्स आर्मी ऑफिसर बनने के लिए पदों पर आवेदन करते हैं। अधिकतर लोगों को यह लगता है कि केवल एक सैनिक बनकर ही देश की सेवा कर सकते हैं।
लेकिन आपको बता दें कि भारतीय सेना का हिस्सा बनने के लिए आप डॉक्टर पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। भर्ती पदों पर नियुक्ति के लिए उम्मीदवार को लिखित परीक्षा और इंटरव्यू पास करना होता है। अगर डॉक्टर के तौर पर सेना में शामिल हो सकते हैं। बता दें कि इसके लिए आपको नीट परीक्षा पास कर एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करनी होगी। अगर आप इस साल की नीट परीक्षा में बैठने वाले हैं और भारतीय सेना में डॉक्टर बनने का सपना देख रहे हैं, तो यहां समझिए पूरा गणित।
भारतीय सेना में कैसे बनते हैं डॉक्टर?
भारतीय सेना में शामिल होकर देश सेवा करने के लिए उम्मीदवार डॉक्टर पद पर भी नियुक्ति पा सकते हैं। डॉक्टर बनने के लिए दो तरीके हैं, जिसके तहत आप इस पद के लिए आवेदन कर सकते हैं। पहला 12वीं पास , दूसरा एमबीबीएस ।
12वीं पास करने के बाद उम्मीदवार नीट परीक्षा के जरिए सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं। वहीं दूसरा नीट परीक्षा पास कर एमबीबीएस कोर्स पूरा करने के बाद शॉर्ट सर्विस कमीशन यानी एसएससी या परमानेंट कमीशन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
भारतीय सेना में डॉक्टर बनने के लिए नीट में कितनी रैंक होनी चाहिए?
सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज पुणे में एमबीबीएस कोर्स में दाखिला लेने के लिए नीट परीक्षा पास करना जरूरी है। बता दें कि आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज में सीटें लिमिटेड होती है। ऐसे में उम्मीदवार को रैंक हासिल करनी आवश्यक हो जाती है। कुल सीटें ये सीटें 130 जिसमें 105 छात्र, 25 छात्राएं, 5 विदेशी स्टूडेंट्स को दाखिला दिया जाता है। जनरल कैटेगरी वाले स्टूडेंट्स को 720 में से 600 से ऊपर नंबर लाना जरूरी है। जैसा कि हम सभी इस बात से परिचित हैं, कि कट ऑफ रैंक हर साल बदलती है। लेकिन अगर बात पिछले साल के रूझानों की करें, तो वह 620-650 के ऊपर था। इसके साथ ही OBC, SC, ST के लिए कटऑफ स्कोर थोड़ा सा कम हो सकता है।
भारतीय सेना में कितने समय तक डॉक्टर पद पर नौकरी करना अनिवार्य
एमबीबीएस कोर्स की अवधि में 4.5 साल की स्टडी और 1 साल की इंटर्नशिप शामिल है। बता दें कि आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद स्टूडेंट को कम से कम 7 साल तक इंडियन आर्मी में सेवा देना अनिवार्य है। अगर कोई उम्मीदवार ऐसा नहीं करता है, तो उसे एजुकेशन फीस खर्च लगभग 30-40 लाख रुपये चुकाने पड़ते हैं।
भारतीय सेना में डॉक्टर बनने का अवसर
एमबीबीएस कोर्स करने के बाद उम्मीदवार सीधे सेना में लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्त हो सकते हैं। इसके बाद प्रमोशन के साथ कैप्टन, मेजर, कर्नल आदि रैंक प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही मेडिकल कोर्स करने के बाद एसएससी या पीसी के तहत आर्मी के हॉस्पिटल, फील्ड यूनिट्स या पीस क्रॉप्स में पोस्टिंग ले सकते हैं।
भारतीय सेना में डॉक्टर की सैलरी(Indian Army Doctor Salary)
आर्म्ड फोर्सेस कॉलेज के अनुसार, ट्रेनिंग के दौरान चयनित युवाओं को मासिक खर्चा लगभग 20,000-30,000 रुपये। वहीं लेफ्टिनेंट रैंक पर चयनित युवाओं को 61,000 रुपये दिए जाता है। इसके अलावा 15,500 रुपये सैन्य भत्ता और एचआरए, टीए आदि भत्ते भी मिलते हैं। एमबीबीएस कोर्स के बाद एसएससी/पीसी के तहत सेना में डॉक्टर बनने पर 85,000-1,00,000 रुपये मासिक होती है।