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वक्फ विधेयक पर 13 घंटे लंबी चर्चा के राज्यसभा ने भी लगाई मुहर, रात 2:32 में राज्यसभा में भी हुआ वक्फ बिल पास

पक्ष में पड़े 128 वोट विपक्ष में 95

वक्फ संशोधन विधेयक पर 13 घंटे से भी अधिक समय तक चली चर्चा के बाद बृहस्पतिवार देर रात ढाई बजे के बाद राज्यसभा ने भी अपनी मुहर लगा दी। राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर फैसला ध्वनि मत से नहीं, बल्कि मत-विभाजन से किया गया। वोटिंग के दौरान वक्फ संशोधन विधेयक 2025 के पक्ष में 128 सांसदों और 95 सांसदों ने विपक्ष में मतदान किया। इसके साथ ही उच्च सदन से मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024’ भी पारित किया गया। लोकसभा की तरह उच्च सदन ने भी विधेयक में विपक्ष के सभी संशोधन प्रस्ताव खारिज कर दिए गए।

विधेयक अब हस्ताक्षर के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा

सरकार की ओर से अधिसूचित होते ही कानून का रूप ले लेगा।बहस में इन नेताओं ने संभाला मोर्चाइससे पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों में विधेयक पर जमकर बहस हुई। विपक्ष की ओर से मल्लिकार्जुन खरगे, रामगोपाल यादव, कपिल सिब्बल समेत दिग्गज नेताओं ने विधेयक का विरोध किया जबकि सत्ता पक्ष की ओर से किरेन रिजिजू के अलावा जेपी नड्डा, राधामोहन अग्रवाल, उपेंद्र कुशवाहा आदि ने मोर्चा संभाला।

किरेन रिजिजू ने विपक्ष के उठाए मुद्दों का दिया सिलसिलेवार जवाब
चर्चा का जवाब देते हुए किरेन रिजिजू ने विपक्ष के उठाए मुद्दों का सिलसिलेवार जवाब दिया। उन्होंने विपक्ष के इस दावे को गलत बताया कि राष्ट्रीय वक्फ काउंसिल में गैर मुस्लिमों का बहुमत होगा। रिजिजू ने कहा, 20 सदस्यीय बॉडी में पदेन अध्यक्ष समेत चार से अधिक गैर मुस्लिम सदस्य हो ही नहीं सकते। इसी प्रकार 11 सदस्यीय राज्य बॉडी में 3 से अधिक गैर मुस्लिम नहीं होंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा, अधिकांश सदस्यों ने आरोप लगाया कि जेपीसी या सरकार ने कानून पर उनके सुझाव नहीं माने। सरकार किसी की नहीं सुनती। यह आरोप पूरी तरह गलत है। हम सुझाव नहीं मानते तो इस विधेयक का जो मूल मसौदा आया था और जो विधेयक आज पेश हुआ है उसमें इतना बदलाव नहीं होता। विधायक में बड़े पैमाने पर बदलाव है और यह सदस्यों के सुझाव के सुझाव पर ही हुआ है। रिजिजू ने कहा, पहले से रजिस्टर संपत्तियों में छेड़छाड़ नहीं हो सकती यह संशोधन जेपीसी में विपक्ष के सुझाव पर ही शामिल किया गया। इसी प्रकार गैर रजिस्टर्ड वक्फ ट्रस्टों के लिए छह महीने की समय सीमा को भी विपक्ष के सुझाव पर बढ़ाया गया। इसके अलावा भी कई संशोधन विपक्ष के सुझाव पर लिए गए।

पांच साल से मुस्लिम धर्म का पालन करने वाले लोगों की ओर से ही अपनी संपत्ति वक्फ के लिए दान करने के नियम पर रिजिजू ने कहा, कई सदस्यों ने सवाल उठाया कि प्रैक्टिसिंग मुस्लिम का फैसला कैसे होगा। मैं कहना चाहता हूं कि आखिर आज हम इस बात का फैसला कैसे करते हैं कि कौन शख्स किस धर्म का है। ऐसे ही आगे भी होगा।

विपक्ष की ओर से यह कहे जाने पर कि आखिर यह सरकार मुस्लिमों के मामले में दखल क्यों दे रही है, रिजिजू ने कहा, आखिर मोदी सरकार को ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए। लोगों ने मोदी जी को सरकार चलाने के लिए चुना है। विपक्ष मुसलमानों के मामलों का ठेकेदार बना रहना चाहता है। मंत्री ने कहा, विपक्ष कह रहा है कि मुसलमानों की स्थिति आजादी के इतने साल बाद भी खराब है और उनमें गरीबी है। आखिर आजादी के बाद 60 साल तक कांग्रेस और अन्य दलों का ही शासन रहा, फिर जिम्मेदारी किसकी है।

सरकार वक्फ संपत्तियों में दखल नहीं दे रही- किरेन रिजिजू
वक्फ बोर्डों में गैर मुस्लिमों को शामिल करने पर रिजिजू ने कहा, सबसे पहले तो लोगों को यह समझ लेना चाहिए कि सरकार वक्फ संपत्तियों में दखल नहीं दे रही। धार्मिक संस्थाओं में सरकार को कोई दखल नहीं होगा लेकिन वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन प्रशासनिक मामला है और वक्फ संपत्तियों का विवाद सिर्फ मुसलमान का मुसलमान से नहीं है। कई जगह ये विवाद दूसरे धर्म के लोगों से भी होता है। ऐसे में फैसला करने वाली संस्थाओं में सिर्फ मुसलमान कैसे हो सकते हैं।

विपक्ष ने बिल को बताया संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ

वहीं विपक्ष ने इस बिल को संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ बताया। बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस ने इस बिल का पुरजोर विरोध किया। कांग्रेस सांसद और वक्फ पर जेपीसी के सदस्य नसीर हुसैन ने सरकार पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति को बढ़ावा देकर वोट बैंक की पॉलिटिक्स का आरोप लगाया। उन्होंने जेपीसी में विपक्ष की ना सुनी जाने और एनडीए पक्ष की ओर से दी गई सिफारिशों को देश की जनता पर थोपने का आरोप लगाया।

यह मुसलमानों के मामलों में हस्तक्षेप’

आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने कहा कि सरकार संवैधानिक अधिकारों पर हमला कर रही है। डीएमके सांसद तिरूचि शिवा ने कहा कि एक समुदाय को ही निशाने पर लिया जा रहा है। YSR कांग्रेस पार्टी के वाई वेंकट सुब्बा रेड्डी ने विधेयक का विरोध करते हुए दावा किया कि यह मुसलमानों के मामलों में हस्तक्षेप है।

वक्फ बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी DMK

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने ऐलान किया कि डीएमके वक्फ (संशोधन) बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। स्टालिन ने कहा, ‘तमिलनाडु लड़ेगा और इस लड़ाई में उसे सफलता मिलेगी।’ उन्होंने याद दिलाया कि 27 मार्च को तमिलनाडु विधानसभा ने वक्फ संशोधन विधेयक को वापस लेने का आग्रह करते हुए प्रस्ताव पारित किया था। इसमें कहा गया था कि यह धार्मिक सद्भाव को कमजोर करता है और अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय पर उल्टा प्रभाव डालता है।

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