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रांची और चाकुलिया में एयरपोर्ट की 1345 एकड़ जमीन गायब, आखिर किसने किया कब्जा? नए खुलासे से हड़कंप

बिरसा मुंडा एयरपोर्ट, रांची और चाकुलिया हवाई अड्डा के लिए संयुक्त बिहार में 3020 एकड़ जमीन का अधिग्रहण हुआ था। इसमें से अभी 1345 एकड़ जमीन पर कब्जा है।

रांची में एयरपोर्ट की करीब 399 एकड़ और चाकुलिया में 986 एकड़ जमीन कब्जे में है।

कब्जे वाली जमीन की खरीद-बिक्री भी हो रही है और कब्जे के बाद उसपर बस्तियां बस गई हैं।

एक समस्या यह भी है कि रांची एयरपोर्ट की 399 एकड़ कब्जे वाली जमीन का फिलहाल लोकेशन नहीं मिल रहा है। लैंड सर्वे में पता चला है कि एयरपोर्ट की जमीन पर ही हवाई नगर का बड़ा हिस्सा बस गया है।

इसके बाद हवाई नगर के जमीन की पड़ताल शुरू हो गई है। अरगोड़ा और नामकोम अंचल कार्यालय से हवाई नगर जमीन से संबंधित रिपोर्ट मांगी गई है।

हवाई नगर में रहने वाले लोगों से सत्यापन के लिए दस्तावेज मांगने की तैयारी चल रही है। एयरपोर्ट जमीन से संबंधित कई नई जानकारियां डिफेंस स्टेट् कार्यालय, एयरपोर्ट आथरिटी आफ इंडिया और जिला प्रशासन के लैंड सर्वे में सामने आई है।

रांची एयरपोर्ट के लिए 1941-43 और 1963-64 में कुल 1520 एकड़ जमीन का अधिग्रहण हुआ था। इसके एवज में 15 लाख रुपये मुआवजे का वितरण किया गया था।

वर्तमान में रांची एयरपोर्ट के पास करीब 547 एकड़ जमीन है, जिसका 2009 में जमाबंद भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण(एएआई) ने कराया है।

अभी करीब 301 एकड़ जमीन राज्य सरकार के नागर विमानन विभाग द्वारा अर्जन के बाद रांची एयरपोर्ट को 30 साल के लिए लीज पर दी गई है। इसमें भी ज्यादातर जमीन पर अतिक्रमण है।

चारदीवारी बनने में बाधा उत्पन्न हो रही है। अर्जित जमीन पर करीब 128 मकान बने हुए है। इस जमीन पर रजिस्ट्री और जमाबंदी भी हो रखी है।

सर्वे रिकॉर्ड में नहीं है बिरसा चौक-खूंटी रोड का अस्तित्व

रांची के बिरसा चौक से हटिया, सिंहमोड़ होते हुए खूंटी जाने वाली सड़क का अस्तित्व नहीं था। पूर्व के लैंड सर्वे में यह रोड शामिल नहीं है।

सर्वे में एयरपोर्ट से इमली गाछ, हवाई नगर पुल के नजदीक सड़क दिखाया गया है, जो अभी भी मौजूद है। बिरसा चौक-खूंटी रोड़ का निर्माण 1975 के बाद में हुआ है। इसी सड़क के नजदीक हवाई नगर है।

हवाई नगर रोड़ नंबर 01 से रोड़ नंबर 5 तक रैयती जमीन बताई जा रही है। रोड़ नंबर 6 और 7 की जमीन गैर बिक्री वाले खाता की है। उससे आगे की जमीन विवादित है।

यानि रोड़ नंबर 8 से रोड़ नंबर 13 तक की जमीन। इस जमीन की रसीद कटने पर रोक लगा दी गई है। हवाई नगर रोड़ नंबर 1 से 8 तक की जमीन हिनू मौजा की है।

उससे आगे रोड़ नंबर 13 तक की जमीन हुंडरू मौजा की है। जब एयरपोर्ट से एचईसी रशियन हास्टल तक जमीन एयरपोर्ट अथारिटी की थी, जिसका अधिग्रहण वर्ष 1962 के पहले हुआ था, ऐसे में हवाई नगर की जमीन कहां से आ गई। अब इसका पता एजेंसियां लगा रही हैं।

रांची एयरपोर्ट में यात्री सुविधाओं में बढोत्तरी होगी। करोड़ों की लागत से विकास कार्य किया जा रहा है। एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए जमीन का अधिग्रहण होना है। इसी के तहत जमीन का सर्वे कार्य चल रहा है। सर्वे में सेना और एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित जमीन की सच्चाई सामने आ जाएगी।-संजय सेठ, रक्षा राज्य मंत्री

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