Breaking News

चुनावी माहौल में किसी और को मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त करना भी एक बड़ी गलती साबित हुई:प्रशांत किशोर

दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की बुरी हार हुई है। इसके बाद केजरीवाल को निशाना बना रहे हैं इंडिया गठबंधन के सहयोगी नेता। अब इस मुद्दे पर आए हैं प्रशांत किशोर भी। जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने एक रणनीतिक गलती की थी, जब उन्होंने दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की बुरी हार हुई है। इसके बाद केजरीवाल को निशाना बना रहे हैं इंडिया गठबंधन के सहयोगी नेता। अब इस मुद्दे पर आए हैं प्रशांत किशोर भी। जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने एक रणनीतिक गलती की थी, जब उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया।

जब उन्हें शराब घोटाले में गिरफ्तार किया गया था और सिर्फ जमानत मिलने के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया। केजरीवाल का यह निर्णय विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए नुकसानदायक साबित हुआ, ऐसा मानते हैं पीके।

प्रशांत किशोर ने कहा कि चुनावी माहौल में किसी और को मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त करना भी एक बड़ी गलती साबित हुई, जो दिल्ली चुनाव में भाजपा के हाथों आम आदमी पार्टी की हार का कारण बनी।

एक साक्षात्कार में प्रशांत किशोर ने केजरीवाल की राजनीतिक स्थिति की अस्थिरता को उजागर किया। उनके मुताबिक, केजरीवाल ने लालू यादव और सोनिया गांधी जैसे नेताओं से बने विपक्षी इंडिया ब्लॉक में शामिल होने का निर्णय लिया, फिर उन्हीं के खिलाफ लड़ा और फिर दिल्ली चुनाव में अकेले मुकाबला करने के लिए गठबंधन से बाहर निकलने का निर्णय लिया, इन विविध निर्णयों ने पार्टी की हार में बड़ी भूमिका निभाई।

प्रशांत किशोर के अनुसार, “दिल्ली में AAP की बड़ी हार का पहला कारण 10 वर्षों का संस्थान विरोध था। दूसरी बात, AAP की एक बड़ी गलती थी अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा। जब उन्हें शराब घोटाले में गिरफ्तार किया गया था, तब उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए था। हालांकि, जमानत मिलने के बाद इस्तीफा देना और चुनाव से पहले किसी और को मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त करना एक बड़ी रणनीतिक गलती साबित हुई। ऐसे निर्णयों ने केजरीवाल की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए थे।”

यहां पर मामला खत्म नहीं हुआ, पीके के अनुसार, दिल्ली की AAP सरकार के दौरान राजधानी में जल संकट और खराब सड़क व्यवस्था ने AAP की हार को तेज कर दिया। उनके मुताबिक, “दिल्ली में, विशेष रूप से जो झुग्गियों में रहते हैं, वहां प्रशासन की कमियों को ज्यादा महसूस किया गया और केजरीवाल के मॉडल को कमजोर साबित किया।”

आम आदमी पार्टी की दस साल की सरकार का अंत हो गया। 27 साल बाद एकल बहुमत हासिल कर भाजपा ने 48 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की है। केजरीवाल खुद हार गए, और उनकी पार्टी केवल 22 सीटों पर सिमट गई। इस हार के कारणों पर लगातार बयान दे रहे हैं चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *