जाति जनगणना के फैसले को राहुल गांधी का समर्थन, बोले- यह पहला कदम, अब तारीख बताएं?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में देश में जाति जनगणना करवाने का फैसला लिया गया है। कांग्रेस ने कहा है कि सरकार ने यह फैसला उनकी पार्टी द्वारा लगातार उठाई गई मांग के बाद किया है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी केंद्र सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि संसद में हमने कहा था कि जाति जनगणना करवा कर रहेंगे। साथ ही 50 फीसदी का आरक्षण की सीमा भी हटाएंगे। हम इस फैसले का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि यह पहला कदम है, अब इससे आगे जाना है। सरकार तारीख बताए कि इसे कब तक करवाया जाएगा।
राहुल गांधी ने कहा, ”तेलंगाना में हमने बहुत गहराई से जनता से बात करके इसे बनाया है। हम लोगों का सेंसस चाहते हैं, नाकि ब्यूरोक्रेट का सेंसस। तेलंगाना मॉडल में दो-तीन प्रिंसिपल है। पहला यह है कि बंद कमरे में ब्यूरोक्रेट ने इसे नहीं डिजाइन किया। जिनकी हम मदद करने की कोशिश कर रहे हैं, वे ब्यूरोक्रेसी में नहीं हैं। हम मास सेंसस, ओपन टेक्नोलॉजी का सेंसस चाहते हैं, जहां पर लोगों से पूछे कि इसके डिजाइन पर आपकी क्या राय है। दूसरा प्रिंसिपल एक्सपर्ट ग्रुप को सेटअप किया जाना है, जो सभी डेटा को स्टडी करेंगे। तीसरा स्टेप- 50 फीसदी आरक्षण की सीमा को हटाना है, जिसे तेलंगाना सरकार ने कर दिखाया है।”
कांग्रेस ने अगली जनगणना में जातिगत गणना कराए जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर बुधवार को कहा कि देर आए, दुरुस्त आए। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने बीते नौ अप्रैल को कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन में पारित उस प्रस्ताव का हवाला दिया कि जिसमें जाति जनगणना की पैरवी करते हुए कहा गया था कि सामाजिक न्याय की बुनियाद को और सशक्त बनाने के लिए यह जरूरी है। सरकार ने बुधवार को फैसला किया कि आगामी जनगणना में जातिगत गणना को ”पारदर्शी” तरीके से शामिल किया जाएगा। राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा लिए गए निर्णयों की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जनगणना केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आती है लेकिन कुछ राज्यों ने सर्वेक्षण के नाम पर जाति गणना की है।